28 साल से लंबित aayodhya विध्वंश में सभी दोषियों को सीबीआई कोर्ट ने किया बरी ।

 28 साल से चल रहे आयोध्या विध्वंश केस में सीबीआई के विशेष कोर्ट के विशेष जज एसके यादव ने अपने फैसले में सभी दोषियों को बरी कर दिया।और अपने फैसले कहा  कि छह दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा के पीछे से दोपहर 12 बजे पथराव शुरू हुआ। अशोक सिंघल ढांचे को सुरक्षित रखना चाहते थे क्योंकि ढांचे में मूर्तियां थीं। कारसेवकों के दोनों हाथ व्यस्त रखने के लिए जल और फूल लाने के लिए कहा गया था। जल ने अखबारों को साक्ष्य नहीं माना और कहा कि वीडियो कैसेट के सीन भी स्पष्ट नहीं हैं। कैसेट्स को सील नहीं किया गया, फोटोज की नेगेटिव नहीं पेश की गई। ऋतम्बरा और कई अन्य अभियुक्तों के भाषण के टेप को सील नहीं किया गया।

अयोध्या विध्वंस केस का निर्णय 2300 पेज का है। फैसला कुछ ही देर में कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जायेगा। सीबीआइ व अभियुक्तों के वकीलों ने ही करीब साढ़े आठ सौ पेज की लिखित बहस दाखिल की है। इसके अलावा कोर्ट के सामने 351 गवाह सीबीआइ ने परीक्षित किए व 600 से अधिक दस्तावेज पेश किए। सीबीआई के अधिवक्ता ललित सिंह ने कहा कि जजमेंट की प्रति मिलने के बाद सीबीआई हेडक्वार्टर भेजा जाएगा जिसके बाद लॉ सेक्शन उसका अध्ययन करने के बाद जो परामर्श देगा, उसी अनुसार अपील करने का निर्णय लिया

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